India, Dec. 17 -- The Government of India has issued a release:
Addressing a press conference held at the Dr. Ambedkar International Centre in New Delhi today, Union Minister for Social Justice and Empowerment , Dr. Virendra Kumar said that between 2014 and December 2025 , the Government of India , under the leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi , has undertaken comprehensive and multifaceted initiatives to preserve , promote , and globally present the country 's cultural , spiritual , and historical heritage . These efforts have not only restored India 's cultural identity but also strengthened national pride and self - confidence .
He said that these initiatives mainly include restoration of historical and heritage sites , development of modern infrastructure , digitization of ancient manuscripts and artefacts , strengthening cultural cooperation at the international level and establishing India 's spiritual traditions on the global platform .
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस को बताया कि इस अवधि में देश के प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों के पुनर्विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनमें काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, वाराणसी; उज्जैन में महाकाल लोक परियोजना; असम का माँ कामाख्या मंदिर; उत्तर प्रदेश में श्रीराम मंदिर, अयोध्या; उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर; गुजरात में जूना सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण तथा सोमनाथ क्षेत्र में संग्रहालय एवं विरासत विकास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि तीर्थ स्थलों तक बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चार धाम राजमार्ग परियोजना, हेमकुंड साहिब रोपवे, बौद्ध सर्किट विकास तथा करतारपुर साहिब कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया गया है, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुविधा प्राप्त हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि विरासत आधारित विकास को गति देने के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान) लागू की गई है, जिसके अंतर्गत चिन्हित धार्मिक एवं विरासत स्थलों पर पर्यटन अवसंरचना विकास हेतु राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 54 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
इसके साथ ही स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत विषयगत पर्यटन सर्किटों के विकास के लिए 5,290.30 करोड़ रुपये की लागत से 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि HRIDAY योजना (राष्ट्रीय धरोहर शहर विकास एवं संवर्धन योजना), जिसे 21 जनवरी 2015 को प्रारंभ किया गया, का उद्देश्य शहरी नियोजन, आर्थिक विकास और धरोहर संरक्षण को एक समावेशी ढांचे में एकीकृत करना है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस को अवगत कराया कि इन पहलों के सकारात्मक प्रभाव के रूप में पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जून 2025 तक भारत में आने वाले पर्यटकों की संख्या 16.5 लाख रही, जबकि भारत से बाहर जाने वाले पर्यटकों की संख्या 84.4 लाख रही। इस गतिविधि से 51,532 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आय हुई। उन्होंने बताया कि भारत के आव्रजन ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2023 में 95.2 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए, जो वर्ष 2022 की तुलना में 47.9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। वर्ष 1976 से अब तक विभिन्न देशों से कुल 655 प्राचीन वस्तुएँ सफलतापूर्वक भारत लाई गई हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 1976 से 2023 के बीच विदेशी देशों से 357 प्राचीन वस्तुएं प्राप्त की हैं, जिनमें से 344 वस्तुएं वर्ष 2014 के बाद प्राप्त की गई हैं।
डॉ. कुमार ने बताया कि राष्ट्र निर्माताओं और राष्ट्रीय स्मृति को सम्मान देने के उद्देश्य से कई प्रतिष्ठित स्मारकों और संस्थानों का विकास किया गया है, जिनमें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया; इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक; डॉ. भीमराव अंबेडकर पंचतीर्थ; कोचरब आश्रम, साबरमती; प्रधानमंत्री संग्रहालय; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक; राष्ट्रीय पुलिस स्मारक; जलियांवाला बाग स्मारक; आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय; भारत मंडपम तथा नया संसद भवन शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' पहल के माध्यम से विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परंपराओं के बीच आपसी समझ को सुदृढ़ किया गया है, जिससे राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता को बल मिला है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित WAVES 2025 (1-4 मई, मुंबई) मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र का विश्व का पहला वैश्विक अभिसरण शिखर सम्मेलन रहा। इस सम्मेलन में 100 से अधिक देशों की भागीदारी रही, एक लाख से अधिक आगंतुक शामिल हुए, 77 देशों द्वारा WAVES घोषणा पत्र को अपनाया गया तथा 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापारिक सौदे, निवेश और स्टार्ट-अप सहयोग दर्ज किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया, जिसे 177 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि योग दिवस के माध्यम से भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक पहचान मिली और वर्ष 2025 में भारत सहित 191 देशों में व्यापक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उन्होंने आगे बताया कि आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग, उच्च गुणवत्ता अनुसंधान, अकादमिक चेयर, आयुष पीठ तथा वैश्विक संस्थागत समर्थन जैसी पहलें की गई हैं, जिससे भारत समग्र स्वास्थ्य सेवा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि भारत में वर्तमान में 44 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 36 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। वर्ष 2014 के बाद 14 नए विश्व धरोहर स्थल जोड़े गए हैं, जिससे भारत विश्व में छठे और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त 16 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्व यूनेस्को सूची में शामिल किए गए हैं। दीपावली (2025) को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में तथा भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र (2025) को यूनेस्को विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल किया गया है। विश्व स्मृति रजिस्टर में भारत की कुल 13 प्रविष्टियाँ दर्ज हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने 8 से 13 दिसंबर 2025 के दौरान नई दिल्ली के लाल किले में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र की मेजबानी की, जिससे सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका और सुदृढ़ हुई।
संस्कृति मंत्रालय की ज्ञान भारतम पहल (2025) के अंतर्गत भारत की पांडुलिपि विरासत का संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक प्रसार किया जा रहा है और अब तक लगभग 3.5 लाख पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 1 अक्टूबर 2025 से देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके अंतर्गत 13 दिसंबर 2025 तक 1.65 करोड़ नागरिकों द्वारा वंदे मातरम् का सामूहिक गायन रिकॉर्ड किया गया। वर्ष 2025 में राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रमुख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें वियतनाम, थाईलैंड, भूटान और मंगोलिया सहित अंतरराष्ट्रीय सहभागिता रही।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय और उसके अधीन संगठनों द्वारा भारतश्री, जनन सॉफ्टवेयर, अभिलेख पोर्टल, मेरा गांव, मेरा धरोहर तथा राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन/IGNCA के माध्यम से पांडुलिपियों, शिलालेखों, कलाकृतियों और सांस्कृतिक दस्तावेजों का व्यापक डिजिटलीकरण किया गया है। विज्ञान संस्कृति संवर्धन योजना के अंतर्गत आम जनता और छात्रों में वैज्ञानिक सोच और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जुलाई 2025 तक देश भर में 27 विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 में ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक तथा मॉन्डियाकल्ट 2025, बार्सिलोना में भारत की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से वैश्विक सांस्कृतिक नेतृत्व को सुदृढ़ किया गया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ प्राचीन धार्मिक, कलात्मक और स्थापत्य संबंधों को IGNCA और ASI के माध्यम से संरक्षण, शोध और प्रदर्शनियों द्वारा मजबूत किया गया है, जबकि उन्मेषा 2025 में 100 से अधिक भाषाओं के लेखकों और 15 देशों के प्रतिनिधियों के साथ अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संवाद को बढ़ावा दिया गया।
At the conclusion of the press conference , the Union Minister said that these initiatives taken between 2014 and 2025 are a strong foundation for India 's cultural renaissance and will play an important role in establishing India as a global cultural leader in the coming years .
Disclaimer: The original story of this translated version is available on Press Information Bureau.
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