India, Nov. 30 -- The Government of India has issued a release:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के नवीनतम संस्करण में काशी तमिल संगमम् 4.0 के चौथे संस्करण के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
पीएम ने कहा कि काशी तमिल संगमम्भाषा और संस्कृति का अद्भुत संगम है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक तमिल और दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक काशी जब एक मंच पर आते हैं तो वह दृश्य अद्भुत होता है।
उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर से काशी के नमो घाट पर चौथा काशी तमिल संगमम् शुरू हो रहा है। इस बार कार्यक्रम की थीम है "Learn Tamil - तमिल करकलम्"।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन तमिल भाषा और संस्कृति से प्रेम रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है। काशीवासियों में उत्साह, तमिलनाडु के मेहमानों का स्वागत करने की तैयारी अदभुत है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी काशी के लोगों से बात होती है, वे बताते हैं कि काशी-तमिल संगमम का हिस्सा बनना उन्हें बेहद सुखद अनुभव देता है। यह मंच उन्हें नई चीजें सीखने, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मिलने और तमिल संस्कृति को करीब से समझने का अवसर प्रदान करता है।
पीएम मोदी ने बताया कि काशीवासी इस बार भी पूरे उत्साह के साथ तमिलनाडु से आने वाले अपने भाई-बहनों का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त बनाने का संदेश देते हुएप्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि वे काशी-तमिल संगमम का हिस्सा बनें और ऐसे और भी मंच तैयार करने पर विचार करें जो राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विविधता को मजबूत करें।
उन्होंने तमिल संस्कृति और भाषा की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि,
"तमिल कलाच्चारम उयर्वानद्
तमिल मोलि उयर्वानद्
तमिल इन्दियाविन पेरूमिदम्।"
जिसका अर्थ है तमिल संस्कृति महान है। तमिल भाषा महान है। तमिल भारत का गौरव है।
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